मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान
कोविड-19 के बढ़ते खतरे के मद्देनजर देशभर में कई तरह की छूट के साथ लॉकडाउन का पांचवा चरण लागू हो गया है। इस चरण में छूट का दायरा बढ़ाए जाने के साथ ही राज्यों को अधिक अधिकार दिए गए हैं। इसी के तहत मध्यप्रदेश में भी सोमवार से अलग-अलग गतिविधियां बहाल हो गई हैं।
वहीं प्रदेश सरकार ने आने वाले दिनों में इस महामारी के मरीजों की तादाद में संभावित बढ़ोतरी के खतरे को देखते हुए अस्पतालों में 60,000 बिस्तर तैयार रखे हैं।
अतिरिक्त मुख्य सचिव मोहम्मद सुलेमान
प्रदेश के लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव मोहम्मद सुलेमान ने एक बैठक के बाद बताया, 'फिलहाल सूबे के अस्पतालों में कोविड-19 के करीब 3,000 मरीज भर्ती हैं।
हालांकि, आर्थिक गतिविधियां और अन्य कार्यकलाप बहाल होने से आने वाले दिनों में महामारी के मरीजों की तादाद बढ़ती है, तो हम इस स्थिति से निपटने के लिये तैयार हैं।'
उन्होंने बताया कि इस तैयारी के तहत राज्य में अलग-अलग श्रेणी के अस्पतालों में कुल 60,000 बिस्तरों की व्यवस्था की गई है। इनमें से 6,000 बिस्तरों में कृत्रिम ऑक्सीजन की आपूर्ति की सुविधा है।
सुलेमान ने जानकारी देते हुए कहा, 'प्रदेश के अस्पतालों में कृत्रिम ऑक्सीजन की सुविधा वाले बिस्तरों की तादाद 6,000 से बढ़ाकर 14,000 की जा रही है। इसके लिए अस्पतालों में कृत्रिम ऑक्सीजन की नई पाइपलाइन डाली जा रही है।
उन्होंने कहा कि मरीजों में कोविड-19 के संक्रमण का पता लगाने के लिए फिलहाल प्रदेश में हर दिन तकरीबन 6,100 नमूनों की जांच की जा सकती है। लेकिन हमारा अनुमान है कि कोविड-19 की जांच की यह क्षमता अगले कुछ दिनों में बढ़कर 15,000 नमूनों तक पहुंच जाएगी।'
सुलेमान ने कहा कहा, 'प्रदेशवासियों को कोविड-19 को हौवा बनाकर इससे डरने की कोई जरूरत नहीं है। लेकिन हम जनता से हाथ जोड़कर अनुरोध करते हैं कि वह पूरी सावधानी बरतते हुए खुद भी अपना ध्यान रखें।'
अतिरिक्त मुख्य सचिव प्रदेश में कोविड-19 से सबसे ज्यादा प्रभावित इंदौर में इस महामारी के हालात की समीक्षा के लिए आये थे। उन्होंने बताया कि इंदौर में फिलहाल हर दिन 1,400 नमूनों की कोविड-19 की जांच की जा सकती है। जिले में महामारी की जांच की क्षमता बढ़ाने के लिए अमेरिका से अत्याधुनिक मशीन आयात की जा रही है।