कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर देश में तीन मई तक लॉकडाउन किया गया है। ऐसे में आपको पैसों की जरूरत है, तो आप अपने प्रोविडेंट फंड (PF) खाते से निकासी कर सकते हैं। ईपीएफओ अंश धारक अपनी बचत का 75 फीसदी या अधिकतम तीन महीने के मूल वेतन और महंगाई भत्ते को अपने पीएफ खाते से निकाल सकते हैं (जो भी कम हो)।
EPFO ने बदला यह नियम
हालांकि EPFO ने निकासी को लेकर कुछ बदलाव किए हैं, जिनमें जन्मतिथि से लेकर बैंक खाता नंबर तक शामिल हैं। आपको क्लेम फाइल करते समय अब पूरा अकाउंट नंबर फॉर्म में डालना होगा। जबकि पहले बैंक खाते के अंतिम चार अंक ही खाते को वेरिफाई करने के लिए भरने पड़ते थे।
जन्मतिथि को सुधारने के नियम में भी बदलाव
जो नौकरीपेशा पीएफ में कॉन्ट्रिब्यूशन करते हैं, उनको ईपीएफओ ने रिकॉर्ड में अपनी जन्मतिथि को सुधारने की सुविधा दे दी है। हालांकि यह सशर्त है। ईपीएफओ के क्षेत्रीय कार्यालयों को दिए गए निर्देश के मुताबिक, कोई भी पीएफ सदस्य अपनी जन्म तिथि बदलवा सकता हैं। लेकिन आधार कार्ड और पीएफ खाते में दर्ज तिथि में 3 साल का ही अंतर होना चाहिए।
72 घंटे में खाते में आ जाएंगे पैसे
कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) दावों के लिए विशेष कोरोना वायरस निकासी योजना के तहत प्राथमिकता से काम किया जा रहा है। ईपीएफओ के अनुसार, कोविड-19 के तहत ऑनलाइन दावों पर ऑटो मोड से क्लेम सेटल किए जा रहे हैं और सिर्फ 72 घंटे में पैसे आपके खाते में आ जाएंगे।।
नए महामारी वापसी प्रावधान के अलावा, ईपीएफओ ने ग्राहकों को वर्तमान में घर निर्माण, शादी, बच्चों की शिक्षा, बीमारी और बेरोजगारी को वापस लेने की भी अनुमति दी है।
1.37 लाख निकासी दावों का निपटान
ईपीएफओ ने लॉकडाउन के दौरान अंशधारकों को राहत देने के लिए 279.65 करोड़ रुपये के 1.37 लाख निकासी दावों का निपटान किया है। हाल ही में श्रम मंत्रालय ने कहा था कि अंशधारकों को उनके द्वारा की गई निकासी का पैसा मिलना शुरू हो गया है। ईपीएफओ ने दस दिन में इन दावों का निपटान किया है। ईपीएफओ ने कहा कि उसकी प्रणाली में पूरी तरह से अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी) अनुपालन वाले अंशधारकों के दावों का निपटान तीन दिन से कम के समय में किया जा रहा है।