मध्यप्रदेश में फिलहान नहीं होंगे नगर निकाय चुनाव, शिवराज सरकार ने एक साल बढ़ाया निकायों का कार्यकाल


कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते मध्यप्ररदेश में शिवराज सिंह चौहान की सरकार ने नगर निकाय चुनाव को एक साल आगे बढ़ाने का फैसला किया है। यानी अब निकायों का कार्यकाल बिना चुनाव लड़े एक साल के लिए बढ़ गया है। इन निकायों का कार्यकाल खत्म हुए लगभग चार महीने तक बीत चुके हैं। 
कमलनाथ सरकार समय से नहीं करा पाई थी चुनाव
कमलनाथ की सरकार समय से चुनाव नहीं करा पाई थी और अब नई सरकार ने एक साल के लिए निकायों का कार्यकाल बढ़ाने का एलान किया है। राज्य सरकार ने कानून में संशोधन के लिए अध्यादेश जारी कर दिया है जिसके तहत निकायों की जिम्मेदारी प्रशासकीय समितियों को सौंपी जा रही है।


मुख्यमंत्री शिवराज ने दी मंजूरी
सरकार ने इन समितियों में महापौर, अध्यक्ष और सभी पार्षदों को शामिल कर लिया है। मंत्रिमंडल के शपथ ग्रहण के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में नगर निकाय और नगरपालिका अधिनियमों में संशोधन कर अध्यादेश के प्रारूप को मंजूरी दी गई।


एक साल के लिए प्रशासकीय समितियों का गठन
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कोरोना के कारण नगर निकाय चुनाव होने की स्थिति नहीं दिख रही है इसलिए जब तक चुनाव नहीं हो जाते तब तक या एक साल तक के लिए नगर निकायों में प्रशासकीय समितियों का गठन किया जाएगा। 


प्रशासकीय समिति में महापौर, नगर पालिका अध्यक्ष और नगर पंचायत अध्यक्ष भी शामिल होंगे और ये प्रशासन और जनता के बीच मिलकर काम करेंगे। बता दें कि 16 नगर निकायों में उज्जैन को छोड़कर सभी का कार्यकाल समाप्त हो चुका है। 


378 निकायों में से 297 का कार्यकाल जनवरी-फरवरी में समाप्त हो चुका है। राज्य निर्वाचन आयोग ने नगर निकाय चुनाव के लिए मतदाता सूची के पुनरीक्षण का काम शुरू किया था लेकिन कोरोना संक्रमण को देखते हुए इसे भी रोक दिया गया है।