अमेरिका रूस से खरीदेगा वेंटिलेटर और मेडिकल सामानअमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने रूस के व्लादिमीर पुतिन से 30 मार्च को टेलीफोन पर बातचीत की

वाशिंगटन: अमेरिका कोविड-19 के मरीजों के इलाज के लिए आवश्यक वेंटीलेटर, चिकित्सा आपूर्ति और निजी सुरक्षा के लिए अन्य जरूरी सामान रूस से खरीदने पर राजी हो गया है. एक शीर्ष अधिकारी ने यह जानकारी दी. यह कदम तब उठाया गया है जब देश इस महामारी के खिलाफ युद्ध लड़ रहा है. व्हाइट हाउस ने आगाह किया है कि इस संक्रामक रोग से अगले पखवाड़े के दौरान दो लाख लोगों की मौत हो सकती है. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने रूस के अपने समकक्ष व्लादिमीर पुतिन से 30 मार्च को टेलीफोन पर बातचीत की थी जिसके बाद रूस से सामान खरीदने का फैसला किया गया.


इस बीच चिकित्सा सामान लेकर रूस का एक सैन्य विमान अमेरिका पहुंचा. संयुक्त राष्ट्र में रूस के मिशन के टि्वटर पेज पर बुधवार को पोस्ट तस्वीरों और वीडियो के अनुसार, एंटोनोव-124 न्यूयॉर्क के जेएफके हवाईअड्डे पर उतरा. विदेश विभाग की प्रवक्ता मोर्गन ओर्टागस ने बुधवार को कहा, ‘राष्ट्रपति ट्रम्प और राष्ट्रपति पुतिन के बीच 30 मार्च को फोन पर हुई बातचीत के बाद अमेरिका वेंटीलेटर्स और निजी मेडिकल रक्षा उपकरण समेत आवश्यक चिकित्सा सामग्री रूस से खरीदने पर राजी हो गया जो न्यूयॉर्क शहर में एक अप्रैल को फेमा को सौंप दी गई.'


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उन्होंने कहा कि दोनों देशों ने पूर्व में भी संकट के समय में एक-दूसरे की मानवीय सहायता की है और इसमें कोई शक नहीं है कि वे भविष्य में भी ऐसा ही करेंगे. ओर्टागस ने कहा, ‘जी20 देश पिछले सप्ताह कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में एक साथ मिलकर काम करने पर राजी हुए थे और हम इन देशों तथा अन्य के साथ निकटता से काम कर रहे हैं ताकि यह सुनिश्चित हो कि जरूरतमंद लोगों को आवश्यक चिकित्सा सामान मिले.'


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अमेरिका के अस्पतालों में वेंटीलेटर्स की कमी है. कुछ चिकित्सा उपकरण निर्माता आपूर्ति बढ़ाने पर राजी हो गए लेकिन कोविड-19 के मरीजों को अक्सर वेंटीलेटर की जरूरत होती है. इस बात को लेकर चिंता है कि इन उपकरणों को बहुत जल्दी बनाना संभव नहीं है. जॉन्स हॉप्किन्स यूनिवर्सिटी के आंकड़ों के अनुसार, 175 से अधिक देशों में संक्रमण के 9,32,605 मामले सामने आए हैं और अभी तक 16,809 लोगों की मौत हो चुकी है. दुनिया में सबसे अधिक 213,372 मामले अमेरिका में सामने आए हैं और वहां इस बीमारी से 5,000 से अधिक लोग जान गंवा चुके हैं.