इससे अच्छी भला क्या बात हो सकती है कि, शासन के द्वारा बनाई गई योजना अंतिम व्यक्ति तक पहुंचकर उसे लाभान्वित करें और स्वयं की उपयोगिता सिद्ध कर साकार नजर आने लगे।
जब से मध्यप्रदेश शासन ने निशक्तजन अधिकार अधिनियम के अंतर्गत दिव्यांगता के प्रकारों को 7 से बढ़ाकर 21 कर दिया गया है । तब से इस अधिनियम का प्रभाव चहु और दिखाई देने लगा है। इन्हीं प्रकारों में अब कम हाइट के बोने लोगों को भी दिव्यांग की श्रेणी में शामिल किया गया है। बड़वानी जिले में दिव्यांग पुनर्वास केंद्र के माध्यम से सचित्र कैलेंडर एवं कार्य शालाओं के द्वारा गांव-गांव तक दिव्यांगता के प्रकारों को प्रसारित किया जा रहा है । जिसका असर भी अब देखने को मिलने लगा है।
एक और जहां सिकलसेल से पीडि़त लोग प्रमाण पत्र बनाने आने लगे हैं वहीं बोने लोग भी अपना प्रमाण पत्र बनवा कर शासकीय योजनाओं का बेहतर लाभ उठाने हेतु अग्रसर हो रहे हैं।
ग्राम काजल माता निवासी एवं अपनी 3 फुट 10 इंच की अपनी ऊंचाई के कारण बोनी फूलवंती धारवे, जिला दिव्यांग पुनर्वास केंद्र बड़वानी पहुंचकर प्रशासकीय अधिकारी श्रीमती नीता दुबे से मिली। जहां उसकी ऊंचाई का सत्यापन कर उसे जिला मेडिकल बोर्ड के समक्ष प्रस्तुत कर, उनका दिव्यांगता प्रमाण पत्र बनवाते हुए यूडी आईडी बस पास एवं पेंशन की ऑनलाइन प्रक्रिया पूर्ण कराई गई। जिसके कारण अब फुलवंती को अपने जीवन की राह, कुछ आसान नजर आने लगी है और इसके लिए वह शासन का आभार व्यक्त कर रही है।
बड़वानी/बोने पन को दिव्यांगता में शामिल करने पर फुलवंती ने शासन का माना आभार