उज्जैन संभाग कमिश्नर श्री अजीत कुमार ने आज आयोजित संभागीय समीक्षा बैठक में संभाग में रबी उपार्जन के लिये की जा रही तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने वनाधिकार अधिनियम के अन्तर्गत निरस्त दावों के सम्बन्ध में हुई कार्यवाहियों की जानकारी ली। कमिश्नर ने जय किसान फसल ऋण माफी योजना की प्रगति एवं आरसीएमएस में दर्ज प्रकरणों पर हुई प्रगति की समीक्षा की। कमिश्नर ने विभिन्न माफियाओं के विरूद्ध की जाने वाली कार्यवाहियों एवं शासकीय जमीन पर कब्जे के सम्बन्ध में जानकारी ली। बैठक में उज्जैन कलेक्टर श्री शशांक मिश्र, शाजापुर कलेक्टर श्री वीरेन्द्रसिंह रावत, देवास कलेक्टर श्री श्रीकान्त पाण्डे, आगर-मालवा कलेक्टर श्री संजय कुमार एवं अपर कलेक्टर्स उपस्थित थे। बैठक में संभाग के जिला आपूर्ति अधिकारी, जिला विपणन अधिकारी, जिला नापतौल अधिकारी, उप संचालक कृषि, उपायुक्त सहकारिता एवं समस्त प्रबंधक वेयर हाउस कॉर्पोरेशन मौजूद थे।
कमिश्नर ने रबी उपार्जन की तैयारियों के सम्बन्ध में समीक्षा करते हुए निर्देश दिये कि गेहूं भण्डारण हेतु आवश्यकता अनुसार कैप भी बनाये जायें। बताया गया कि इस वर्ष उज्जैन में 123 गेहूं खरीदी केन्द्रों की स्वीकृति प्राप्त हुई है। इसी क्रम में मंदसौर में 64, नीमच में 31, रतलाम में 44, शाजापुर में 64, आगर-मालवा में 27 एवं देवास में 75 गेहूं खरीदी केन्द्रों की स्वीकृति प्राप्त हुई है। कलेक्टर श्री शशांक मिश्र ने बताया कि यदि गेहूं की आवक बढ़ी तो और भी खरीदी केन्द्र बढ़ाने पड़ेंगे। कमिश्नर ने निर्देश दिये कि गेहूं भण्डारण के लिये जिले आवश्यकता अनुसार कैप का निर्माण करें। उन्होंने गेहूं परिवहन एवं भण्डारण व्यवस्थित तरीके से करने के निर्देश दिये। बताया गया कि गत वर्ष उज्जैन संभाग में 319 गेहूं खरीदी केन्द्र स्थापित किये गये थे, जिसमें तीन लाख 35 हजार 858 किसानों ने पंजीयन कराया था। बताया गया कि इस वर्ष उज्जैन में 320 हजार हेक्टेयर में गेहूं की बोवनी की गई है। मंदसौर में 190 हजार हेक्टेयर, नीमच में 83 हजार हेक्टेयर, रतलाम में 174 हजार हेक्टेयर, शाजापुर में 176 हजार हेक्टेयर, आगर-मालवा में 69 हजार हेक्टेयर, देवास में 190 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में बोवनी की गई है।
कमिश्नर ने गेहूं के अतिरिक्त चना, सरसों आदि अन्य फसलों की स्थिति की जानकारी ली। बताया गया कि रबी फसलों के भण्डारण का कार्य वेयर हाउस कॉर्पोरेशन द्वारा किया जायेगा। कमिश्नर श्री अजीत कुमार ने जय किसान फसल ऋण माफी योजना में अब तक हुई प्रगति की समीक्षा की। योजना के अन्तर्गत 15 जनवरी 2020 से 21 जनवरी 2020 तक ग्राम पंचायत स्तर पर गुलाबी आवेदन-पत्र ऑफलाइन प्राप्त किये गये हैं। इन आवेदनों की इंट्री की जानी है। अब तक उज्जैन में 38, देवास में 73, शाजापुर में 520, आगर-मालवा में 930, रतलाम में 230, नीमच में 51 आवेदन ऑफलाइन प्राप्त हुए हैं। ग्राम पंचायत स्तर पर ये आवेदन प्राप्त हुए हैं। कमिश्नर ने सभी जिला कलेक्टर्स को निर्देश दिये कि प्राप्त आवेदनों के लिये शासन ने जो समय-सीमा दी है, उस समय-सीमा के भीतर कार्यवाही सुनिश्चित की जाये। बैंकों को प्रकरण भेजे जायें।
कमिश्नर ने शासकीय जमीन पर कब्जा करने वाले व्यक्तियों एवं माफियाओं के विरूद्ध सख्त कार्यवाही करने के निर्देश सभी कलेक्टर्स को दिये और निर्देशित किया कि 31 जनवरी तक सभी माफियाओं की सूची बना ली जाये, ताकि आगामी कार्यवाही सुनिश्चित की जा सके। उन्होंने लोक अदालत में लिये गये राजस्व एवं दाण्डिक प्रकरणों की एवं राजस्व लोक अदालत में लिये गये राजस्व एवं दाण्डिक प्रकरणों की समीक्षा की। कमिश्नर ने आरसीएमएस में दर्ज छह माह से एक वर्ष, एक वर्ष से दो वर्ष तक के लम्बित प्रकरणों की जानकारी लेते हुए तत्काल प्रकरणों के निराकरण के निर्देश समस्त कलेक्टर्स को दिये। उन्होंने वनाधिकार अधिनियम के अन्तर्गत निरस्त दावों के सम्बन्ध में की गई कार्यवाही की जानकारी ली। साथ ही वनाधिकार के लम्बित आवेदनों के निराकरण पर तत्परता से कार्य करने के निर्देश दिये। बताया गया कि कुछ वनाधिकार दावों में डुप्लीकेट नाम होने, पलायन होने एवं बायोमैट्रिक सत्यापन न होने के चलते उन आवेदनों की इंट्री नहीं की जा सकी है
कमिश्नर ने रबी उपार्जन की तैयारियों की समीक्षा की