जबलपुर जिले से 25 किलो मीटर की दूरी पर ग्राम बहोरीपुर की अंजनी कुशवाहा पति किसान प्रकाश काछी कई वर्षो से परम्परागत तरीके से अपने 02 एकड़ भूमि में सब्जी उत्पादन करके अपने परिवार की आजीविका चलाती थी। जिससे उन्हें कम पैदावार होने के कारण मुनाफा नहीं मिल पा रहा था। म.प्र. ग्रामीण आजीविका मिशन जबलपुर के मार्गदर्शन एवं सहयोग से अंजनी कुशवाहा ने अपने खेत में ड्रिप इरीगेशन (टपक विधि) सिस्टम लगाया। अंजनी देवी द्वारा ड्रिप इरीगेशन आधुनिक विधि अपनाये जाने से कम लागत से अपने खेतो से सब्जी का कम से कम 30 प्रतिशत अधिक उत्पादन प्राप्त किया जा रहा है।
म.प्र. ग्रामीण आजीविका मिशन जबलपुर के द्वारा हाट्रीकल्चर विभाग से समन्वय के बाद शिव कंपनी के द्वारा सभी करों में छूट देते हुए अंजनी कुशवाहा के 02 एकड़ में मात्र 13000/- रूपये में ड्रिप इरीगेशन (टपक विधि) सिस्टम लगाया गया। उन्होंने बताया कि ड्रिप इरीगेशन जिसमें ऊचे स्थान पर एक पंप सेट अप रहता है और पतले प्लास्टिक कंडयुट पाइप रहते है जो पौधों की जड़ों तक लगे रहते है जिसके माध्यम से पानी, दवा, खाद आवश्यकतानुसार बूंद-बूंद करके सीधे पौधों की जड़ों में दी जाती है। अंजनी कुशवाहा ने बताया कि ड्रिप इरीगेशन लगवाने से सिंचाई एवं दवा छिड़काव में 50 प्रतिशत की कमी आई है। साथ ही खरपतवार नहीं होती है जिससे मजदूरी, समय एवं पैसे की बचत हो रही है। ड्रिप इरीगेशन लगवाने से कीट व रोग का प्रभाव भी कम हो गया है। जिससे कीटनाशक के व्यय में भी 50 प्रतिशत तक की कमी आई है।
अंजनी कुशवाहा ने बताया कि ड्रिप इरीगेशन (टपक विधि) सिस्टम से प्रेरित होकर ग्राम के अन्य कृषक भी इस विधि को अपनाने के लिए अग्रसर हो रहे हैं।
ड्रिप एरीगेशन से सब्जी की पैदावार बढ़ी