सही कहती है भगवती बाई कि सरकार बदलने से उनके जीवन में आज यथार्थ में बदलाव आया है। अपने प्लाट के लिए पिछले 24 साल सोसायटी से मिन्नते करने के बाद भी उनके हाथ खाली थे लेकिन मध्यप्रदेश सरकार की एक माह पहले माफिया मुक्त प्रदेश के अभियान से आज वे उस प्लॉट की मालिक बन गई है।
मुख्यमंत्री की मंशानुरूप माफिया मुक्त भोपाल अभियान के तहत आम जनता की शिकायतों का निराकरण किया जा रहा है। इसी जनसुनवाई से श्रीमती भगवती राठौर पत्नि श्री ओमप्रकाश राठौर को वर्ष 1996 से लंबित प्लॉट मिला है। श्रीमती भगवती के पुत्र श्री शैलेन्द्र राठौर से बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि पापा ने 1996 में पेरिस सोसायटी से लगभग 22 हजार रूपये में 450 स्कावयर फिट का प्लॉट क्रय किया था, किन्तु बार बार चक्कर लगाने एवं पुलिस थाने में रिपोर्ट करने पर भी प्लॉट का मालिकाना हक अब तक नहीं मिल पा रहा था।
श्री शैलेन्द्र बताते हैं कि वर्ष 2015 में उन्होंने कलेक्ट्रेट जनसुनवाई में प्लॉट के कब्जे के लिए आवेदन दिया था तब भी इन्हें प्लॉट नहीं मिला। वे खुशी-खुशी बताते हैं कि 8 दिन पूर्व वे जनसुनवाई में आए। जनसुनवाई में पुन: समस्त दस्तावेज दिखाने के पश्चात कलेक्टर के निर्देशानुसार सोसायटी अध्यक्ष द्वारा उन्हें मौके पर ही 360 स्कवायर फीट का बैरागढ़ चीचली में प्लाट आवंटित किया गया। आज रजिस्ट्री कराने के लिए पत्र भी प्राप्त हुआ है।
श्री शैलेन्द्र कहते हैं कि हमारे परिवार की आर्थिक स्थिति काफी कमजोर है। पिता जी प्राइवेट ऑटो चलाते हैं और मैं भी प्राइवेट जॉब करता हूँ तभी परिवार का भरण पोषण होता है। हमारे परिवार ने तो प्लॉट मिलने की उम्मीद बिल्कुल ही छोड़ दी थी किन्तु आज शासन- प्रशासन के सहयोग से प्लॉट का कब्जा मिलने पर हम बहुत खुश हैं तथा शासन को बहुत बहुत धन्यवाद देते हैं। वे कहते हैं कि सरकार का यह अभियान उन जैसे लोगों के लिए वरदान से कम नहीं है।
24 साल की लम्बी जद्धो-जहद और वर्तमान सरकार के एक साल में फर्क तो है "खुशियों की दास्तां" अपना प्लॉट पाकर सरकार को धन्यवाद कहती हैं भगवती भोपाल | 24-जनवरी-2020